
कोरबा, 16 सितम्बर 2025।
राज्य शासन की युक्तियुक्तकरण नीति और जिला प्रशासन की संवेदनशील कार्यशैली का असर अब दूरस्थ अंचलों तक स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। कोरबा जिले के पोंड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड के ग्राम लैंगा स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला इसका उत्कृष्ट उदाहरण है, जहाँ विषय विशेषज्ञ शिक्षक की नियुक्ति से शिक्षा के स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
जिला कलेक्टर कोरबा के निर्देशन में लागू युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के अंतर्गत विज्ञान विषय के विशेषज्ञ शिक्षक श्री प्रकाश चंद्र रात्रे को इस विद्यालय में पदस्थ किया गया है। उनके मार्गदर्शन से विद्यार्थियों में विज्ञान विषय के प्रति रुचि और जिज्ञासा दोनों बढ़ी हैं।
श्री रात्रे न केवल किताबों से विज्ञान पढ़ाते हैं बल्कि प्रयोग आधारित शिक्षा के माध्यम से बच्चों को अवधारणाओं को समझने का अवसर प्रदान कर रहे हैं। अम्ल-क्षार की अभिक्रियाएं हों, द्रव्य की अवस्थाएं हों या वैज्ञानिक सिद्धांतों की गहराई—बच्चे अब इन्हें प्रयोगों और उदाहरणों से समझ पा रहे हैं।
कक्षा 7वीं और 8वीं के छात्र शुभम, लवकेश, रश्मि और सीमा का कहना है कि विज्ञान अब उनके लिए कठिन नहीं रहा। विषय विशेषज्ञ शिक्षक के आने से पढ़ाई रोचक हो गई है और वे आत्मविश्वास के साथ प्रश्नों के उत्तर देने लगे हैं।
विद्यालय के शिक्षकों और अभिभावकों ने भी माना कि कलेक्टर कोरबा महोदय की कार्यशैली और शासन की दूरदर्शी नीति के चलते लैंगा जैसे पिछड़े क्षेत्र के बच्चों को विषय विशेषज्ञ शिक्षक की सुविधा मिल पाई है। इससे न केवल बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ा है बल्कि उनकी उपस्थिति और शैक्षणिक उपलब्धियों में भी सुधार हुआ है।
गौरतलब है कि शासन की युक्तियुक्तकरण नीति का मूल उद्देश्य ही यही है कि प्रत्येक विद्यालय में विषय विशेषज्ञ उपलब्ध हों ताकि ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों के बच्चे भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें। लैंगा स्कूल का यह उदाहरण स्पष्ट करता है कि सरकार और जिला प्रशासन की संवेदनशील पहल किस प्रकार बच्चों के भविष्य को संवारने में मील का पत्थर साबित हो रही है।