
बच्चों की पढ़ाई से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं, शिक्षा विभाग हुआ सख्त
कोरबा।
सीआईबी न्यूज़ इंडिया में प्रकाशित खबर का बड़ा असर हुआ है। शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि विद्यालयों में अनुशासन और पढ़ाई की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को अब किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
औचक निरीक्षण में खुली बड़ी लापरवाही
16 सितम्बर 2025 को शासकीय प्राथमिक शाला पुटुवा (संकुल बनखेता, विकासखंड पोड़ी-उपरोड़ा जिला कोरबा) का औचक निरीक्षण किया गया। विद्यालय में पदस्थ प्रधानपाठक श्री पदूम सिंह अर्मो एवं कृपाल सिंह ड्यूटी पर मिले, जबकि शिक्षक कृपाल सिंह मरकाम ड्यूटी के दौरान नशे की हालत में पाए गए। संस्था प्रमुख और ग्रामीणों ने भी उनकी आदतन लापरवाही व नशे की शिकायत दर्ज कराई।
यह गंभीर मामला सामने आते ही बीईओ पोंड़ी-उपरोड़ा श्री के. आर. दयाल स्वयं मौके पर पहुँचे। उन्होंने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी। श्री दयाल ने बताया कि पूरे घटनाक्रम की फाइल तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है और दोषी शिक्षक पर शीघ्र ही कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उपस्थिति में भी कमी, विभाग सख्त
निरीक्षण के दौरान विद्यालय की उपस्थिति भी निराशाजनक रही। कुल 62 पंजीकृत विद्यार्थियों में से केवल 44 ही कक्षा में मौजूद पाए गए। शिक्षा विभाग ने इस स्थिति को गंभीर मानते हुए शिक्षकों और अभिभावकों को निर्देश दिया कि लगातार अनुपस्थित रहने वाले बच्चों को विद्यालय से जोड़ना प्राथमिक जिम्मेदारी है।
कलेक्टर का साफ संदेश
निरीक्षण रिपोर्ट पर कलेक्टर ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि ड्यूटी के दौरान नशे में पाए जाने वाले शिक्षकों को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कलेक्टर के आदेश के बाद बीईओ श्री आर. दयाल ने मौके से ही सख्त निर्देश जारी किए और कहा कि शिक्षा व्यवस्था को कलंकित करने वाले कार्मिकों पर अब बख्शिश नहीं होगी।
अन्य स्कूलों का भी निरीक्षण
पुटूवा के साथ ही कांसामार और आसपास के कई अन्य विद्यालयों का भी बीईओ श्री दयाल द्वारा निरीक्षण किया गया। वहाँ भी उपस्थिति, मध्यान्ह भोजन और शिक्षकों की कार्यप्रणाली की बारीकी से जाँच की गई। विभाग ने सभी संस्थाओं को स्पष्ट संदेश दिया है कि चाहे कोई भी स्कूल हो, अनुशासन और पढ़ाई से कोई समझौता स्वीकार्य नहीं होगा।
शिक्षा विभाग का रुख
शिक्षा विभाग ने दो टूक कहा है कि प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मध्यान्ह भोजन व्यवस्था, शिक्षकों की नियमित उपस्थिति और विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभाग लगातार ठोस कदम उठा रहा है। विभाग का संदेश बिल्कुल साफ है—अब विद्यालयों में ढिलाई और अनुशासनहीनता का दौर खत्म होगा और बच्चों की पढ़ाई से किसी भी तरह का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा।