
कोरबा, 12 सितंबर 2025।
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने (रजत जयंती वर्ष) के उपलक्ष्य में प्रदेशभर में विविध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सेजस गोपालपुर में विगत दिवस एक गरिमामय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में वर्षों तक अपनी सेवाएँ देने वाले सेवानिवृत्त शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
गरिमामय उपस्थिति
सम्मान समारोह में सेवानिवृत्त प्राचार्य श्री दिनेश कुमार भारद्वाज, सेवानिवृत्त व्याख्याता श्रीमती निर्मला पटेल तथा सेवानिवृत्त प्रधान पाठक श्रीमती सिसिलिया लकड़ा को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय की प्राचार्या डॉ. श्रीमती सीमा भारद्वाज ने की।
समारोह की शुरुआत पारंपरिक तरीके से अतिथियों के स्वागत के साथ हुई। उन्हें साल, श्रीफल, डायरी एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। यह सम्मान समारोह न केवल उनके लंबे शैक्षणिक योगदान की स्वीकृति था, बल्कि नई पीढ़ी के शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बना।
प्राचार्या का प्रेरणादायी उद्बोधन
अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्या डॉ. सीमा भारद्वाज ने कहा –“शिक्षक का कार्य केवल पढ़ाना ही नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का निर्माण करना और उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनाना भी है। आज के विद्यार्थी ही कल के देश का भविष्य हैं। इस भविष्य को उज्ज्वल बनाने का दायित्व हम सभी शिक्षकों का है और हमें इसे सच्ची लगन व ईमानदारी से निभाना चाहिए।”
अनुभवों का साझा
समारोह में उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों ने अपने कार्यकाल के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि शिक्षण केवल एक पेशा नहीं, बल्कि समर्पण और सेवा भाव का कार्य है। विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ जीवन के मूल्य सिखाना ही एक शिक्षक की सच्ची पहचान है।
सेवानिवृत्त शिक्षकों ने भावुक शब्दों में कहा कि विद्यालय में बिताए गए वर्षों ने उन्हें हमेशा सीखने और सिखाने का अवसर दिया। उन्होंने युवा शिक्षकों से आह्वान किया कि वे निष्ठा, धैर्य और सेवा भावना के साथ विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करें।
पूरे स्टाफ की सहभागिता
कार्यक्रम में विद्यालय के सभी व्याख्याता, शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं स्टाफ सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे। मंच संचालन व्याख्याता श्री शैलेश उपाध्याय ने किया, जबकि वरिष्ठ व्याख्याता श्री विनोद कुमार साहू ने आभार प्रदर्शन कर कार्यक्रम का समापन किया।
शिक्षा के प्रति सम्मान का भाव
यह समारोह केवल एक कार्यक्रम भर नहीं था, बल्कि शिक्षा और शिक्षक के महत्व को समाज के सामने पुनः रेखांकित करने का अवसर था। रजत जयंती वर्ष के इस अवसर पर आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह ने यह संदेश दिया कि समाज में सबसे बड़ा योगदान वही है, जो भविष्य की पीढ़ियों को दिशा देने में लगाया जाए।
निष्कर्ष
सेजस गोपालपुर में आयोजित यह सम्मान समारोह साबित करता है कि शिक्षक केवल कक्षा तक सीमित नहीं होते, बल्कि वे समाज के निर्माता और राष्ट्र के शिल्पकार होते हैं। सेवानिवृत्त शिक्षकों के अनुभव और नई पीढ़ी के शिक्षकों का जोश मिलकर निश्चित रूप से विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा।