
कोरबा, 06 सितम्बर 2025।
जिला मुख्यालय कोरबा में आज बेटियों के उच्च शिक्षा मार्ग को सशक्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। शासकीय इंजीनियर विश्वेसरैया स्नातकोत्तर महाविद्यालय परिसर में वाणिज्य, उद्योग, सार्वजनिक उपक्रम, आबकारी एवं श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन के मुख्य आतिथ्य में कन्या छात्रावास शुभारंभ कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
इस अवसर पर शासकीय ई.व्ही.पी.जी. कॉलेज के 100 व 50 सीटर तथा शासकीय मिनीमाता कन्या महाविद्यालय के 100 सीटर छात्रावास का उद्घाटन हुआ। मंत्री श्री देवांगन ने रिबन काटकर छात्रावास संचालन का शुभारंभ किया और छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
डीएमएफ से मिलेगी जरूरतमंद छात्राओं को मदद
मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि छात्रावास संचालन से दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों से आने वाली छात्राओं को बड़ा लाभ मिलेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो छात्राएं प्रवेश हेतु निर्धारित शुल्क का भुगतान करने में असमर्थ होंगी, उनकी मदद जिला खनिज न्यास (DMF) से की जाएगी।
कलेक्टर अजीत वसंत ने भी कहा कि छात्रावास संचालन के लिए कॉलेज प्रशासन को पूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। छात्राओं की सुरक्षा हेतु होमगार्ड की नियुक्ति, स्ट्रीट लाइट और अन्य सुविधाएं जल्द उपलब्ध कराई जाएंगी।
पीवीटीजी वर्ग की महिलाओं को नियुक्ति पत्र
इस अवसर पर मंत्री श्री देवांगन सहित अतिथियों ने पीवीटीजी वर्ग की महिलाओं को कन्या छात्रावासों में चतुर्थ श्रेणी पद पर नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए। उन्होंने कहा कि यह पहल आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को सशक्त बनाएगी और उन्हें सम्मानजनक रोजगार उपलब्ध कराएगी।
जनप्रतिनिधियों की सराहना
कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल और कोरबा महापौर संजू देवी राजपूत ने इस पहल को छात्राओं के लिए एक बड़ी सौगात बताया। उन्होंने कहा कि लंबे समय से छात्रावास की मांग उठाई जा रही थी, जिसे अब मूर्त रूप मिला है।
लगभग 3 करोड़ की लागत से तैयार छात्रावास
जिला प्रशासन ने दोनों महाविद्यालयों के छात्रावास संचालन हेतु लगभग 3 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। इसमें जीर्णोद्धार कार्यों के साथ-साथ आवश्यक सामग्री की व्यवस्था भी शामिल है।
‘बेटियां ही समाज का भविष्य’ – मंत्री देवांगन
मंत्री श्री देवांगन ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा – “आज की बेटियां कल का भविष्य हैं। एक बेटी के शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित बनता है। आप मन लगाकर पढ़ाई करें, यही समाज और देश की सबसे बड़ी पूंजी है।”
इस अवसर पर एसडीएम कोरबा श्री सरोज महिलांगे, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्रीकांत कसेर, दोनों महाविद्यालयों के प्राचार्य, जनप्रतिनिधि, प्राध्यापक और बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं।