
सारंगढ़-बिलाईगढ़।
एक ओर केंद्र और राज्य सरकार डिजिटल सिस्टम और पारदर्शिता को मजबूत करने की दिशा में नई-नई योजनाएँ लागू कर रही हैं। भर्ती प्रक्रियाओं को ऑनलाइन और सख्त नियमों के तहत संचालित किया जा रहा है ताकि किसी भी तरह का भ्रष्टाचार न हो। लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग सिस्टम की खामियों का फायदा उठाकर नियमों को दरकिनार कर रहे हैं।
ऐसा ही मामला सामने आया है eDM भर्ती में, जहाँ अभ्यर्थी गंगाधर विश्वकर्मा द्वारा प्रस्तुत किए गए अनुभव प्रमाण पत्रों में गंभीर गड़बड़ियाँ उजागर हुई हैं।
मामले की मुख्य बातें
15 सितम्बर 2023 को जारी विज्ञापन में अभ्यर्थी ने MCA 64% और 5 वर्ष 9 माह का अनुभव दर्शाया।
16 सितम्बर 2023 को दूसरे जिले की भर्ती में वही अभ्यर्थी MCA 64.95% और 6 वर्ष 9 माह का अनुभव प्रस्तुत करता है।
महज़ 1 दिन के अंतराल में 1 वर्ष का अनुभव बढ़ गया।
26 सितम्बर 2023 को गंडई भर्ती में 6 वर्ष का अनुभव,
04 जुलाई 2024 को मनेंद्रगढ़ भर्ती में 6 वर्ष 9 माह का अनुभव,
22 अगस्त 2024 को सारंगढ़-बिलाईगढ़ भर्ती में 9 वर्ष 16 माह का अनुभव दर्शाया गया।
यहाँ महज़ 1 माह के अंतर में 3 वर्ष 7 माह का अनुभव बढ़ा दिया गया।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि इतनी स्पष्ट गड़बड़ी होने के बावजूद भर्ती प्रक्रिया में इन्हें स्वीकार किया गया, जो गंभीर सवाल खड़े करता है।
भ्रष्टाचार पर सरकार सख्त, फिर भी खेल जारी!
सरकार एक ओर ई-गवर्नेंस, डिजिटल पोर्टल, ऑनलाइन भर्ती जैसी पारदर्शी व्यवस्थाएँ लागू कर रही है। यह तकरीबन रोज़ाना दावा किया जाता है कि अब भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं बची। लेकिन हकीकत यह है कि कुछ लोग अब भी सिस्टम में सेंध लगाकर अपने स्वार्थ साध रहे हैं।
यह मामला इस बात का सबूत है कि सिस्टम चाहे जितना डिजिटल हो, अगर ज़िम्मेदार अधिकारी लापरवाह हों तो भ्रष्टाचार अंदर ही अंदर पनपता रहेगा।
प्रशासन की माँग
शिकायतकर्ताओं ने साफ कहा है कि अगर इस पर शीघ्र और ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो मामला अदालत तक ले जाया जाएगा।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस गड़बड़ी को गंभीरता से लेकर जाँच कर दोषियों पर कार्रवाई करता है या फिर यह फाइल भी कई और मामलों की तरह दबा दी जाएगी।