
ग्राम पंचायत चाकाबूड़ा एक बार फिर भ्रष्टाचार के गहरे दलदल में घिर गया है। मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना वित्तीय (वर्ष 2024–25) के तहत *कोठा-कोटना* नामक कार्य को फर्जी तरीके से पूर्ण दिखाकर लाखों की राशि का आहरण कर लिया गया! यह खुलासा उस समय हुआ जब कोरबा और कटघोरा से आई विशेष जांच टीम ने मौके पर पहुंचकर सघन निरीक्षण किया।
जांच में हुआ सनसनीखेज खुलासा!
सूत्रों के अनुसार, *सचिव रजनी सूर्यवंशी* और पूर्व सरपंच के नाम पर फर्जी तरीके से सील-मोहर का उपयोग कर राशि आहरित की गई। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि कोठा-कोटना कार्य केवल कागजों पर ही पूर्ण किया गया है, जमीन पर उसका कोई अता-पता नहीं!
ग्राम पंचायत चाकाबूड़ा में घोटाले की फूटी पोल !
मनरेगा और पीएम आवास योजना में फर्जीवाड़ा उजागर –जांच टीम ने दिए सख्त निर्देश
ग्राम पंचायत चाकाबूड़ा एक बार फिर भ्रष्टाचार के गहरे दलदल में घिर गया है। मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना (वर्ष 2024–25) के तहत कोठा-कोटना नामक कार्य को फर्जी तरीके से पूर्ण दिखाकर लाखों की राशि का आहरण कर लिया गया! यह खुलासा उस समय हुआ जब कोरबा और कटघोरा से आई विशेष जांच टीम ने मौके पर पहुंचकर सघन निरीक्षण किया।
जांच में हुआ सनसनीखेज खुलासा!
सूत्रों के अनुसार, *सचिव रजनी सूर्यवंशी* और पूर्व सरपंच के नाम पर फर्जी तरीके से सील-मोहर का उपयोग कर राशि आहरित की गई। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि कोठा-कोटना कार्य केवल कागजों पर ही पूर्ण किया गया है, जमीन पर उसका कोई अता-पता नहीं!
ग्राम सभा में हंगामा – सचिव का अभद्र व्यवहार !
सूत्रों के अनुसार जांच टीम की मौजूदगी में बुलाई गई ग्राम सभा में सचिव द्वारा ग्रामीणों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया, जिससे गांव वाले भड़क उठे और सभा में भारी नाराजगी देखने को मिली। ग्रामीणों ने सचिव की जमकर आलोचना करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की एवं शीघ्रातिशीघ्र सचिव को पंचायत से हटाने की भी मांग की।
जांच दल का बड़ा फैसला – होगी वसूली या पूरा करो अधूरा कार्य!
जांच अधिकारियों ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि:
> “जितने भी राशि फर्जी रूप से आहरित की गई है, उसे दो महीने के भीतर वसूला जाए अन्यथा संबंधित कोठा-कोटना कार्य को पूरा कराए जाने की जिम्मेदारी तय की जाएगी।”
प्रतिवेदन जाएगा SDM के समक्ष!
इस पूरे मामले का प्रतिवेदन निकासी बैठक में जिला पंचायत कोरबा एवं SDM के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। ऐसे में अब दोषियों की मुश्किलें बढ़नी तय हैं।
अब सवाल यह है…
1.क्या दोषियों पर कानूनी कार्रवाई होगी?
2.सचिव और सरपंच पर कब गिरेगी गाज?
3.क्या चाक़ाबुड़ा की जनता को मिलेगा न्याय?!
सचिव का पक्ष
मोबाइल के माध्यम से मो. नंबर 9770550774पर सचिव का पक्ष जानने पर उन्होंने अपना पल्ला झाड़ने हुए बोली कि ये यह जांच नहीं है यह सोशल ऑडिट है और ऑडिट में रिकवरी थोड़ी बहुत तो आती ही है वह दो महीना में कार्य पूरा कर दी जाएगी और बोली की 40 % ही आहरण हुई है और सबसे बड़ी बात यह है कि यह ग्राम सभा में अनुमोदन भी नहीं हुई है