
कोरबा/कटघोरा, 21 सितंबर 2025।
समाज को नशे और भ्रष्टाचार जैसी बुराइयों से मुक्त कराने के लिए अगर कोई अधिकारी दिल से काम कर रहा है, तो वह हैं थाना प्रभारी धर्म नारायण तिवारी। उनकी पहचान केवल एक पुलिस अधिकारी के तौर पर नहीं, बल्कि जनता के प्रहरी के रूप में बन चुकी है। ग्रामीण इलाकों से लेकर नगर तक, जहाँ भी नशे और अपराध से जुड़ी शिकायतें मिलती हैं, वहाँ धर्म नारायण तिवारी की त्वरित कार्रवाई चर्चा का विषय बन जाती है।
शराबबंदी को लेकर सख्त कदम
ग्राम पंचायतों में लंबे समय से अवैध शराब बिक्री और नशे से युवाओं का भविष्य बिगड़ने की शिकायतें सामने आती रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नशे ने न केवल परिवारों को तोड़ा है बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी कमजोर किया है। इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए थाना प्रभारी तिवारी ने कई बार विशेष अभियान चलाए।
“नशा अपराध की जड़ है” – यह संदेश तिवारी ने हर आमसभा और जागरूकता अभियान में स्पष्ट रूप से दिया है। उनका मानना है कि शराब घरेलू विवाद, हिंसा और सामाजिक बुराइयों का मुख्य कारण है। इसलिए उन्होंने अवैध शराब बिक्री पर लगातार शिकंजा कसने का काम किया है।
सजग कोरबा अभियान में सक्रिय
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर चलाए जा रहे “सजग कोरबा अभियान” को भी तिवारी ने जमीनी स्तर तक पहुँचाया है। गाँव-गाँव जाकर उन्होंने महिलाओं, युवाओं और बच्चों से संवाद किया और बताया कि नशा केवल स्वास्थ्य को नुकसान नहीं पहुँचाता, बल्कि परिवार और समाज को भी तबाह कर देता है।
उनकी अपील पर कई गाँवों में महिलाओं ने शराबबंदी के लिए रैलियाँ निकालीं और प्रशासन को सहयोग देने का वादा किया। ग्रामीणों का कहना है कि तिवारी की सख्त लेकिन संवेदनशील कार्यशैली ने उन्हें नई उम्मीद दी है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रवैया
धर्म नारायण तिवारी की एक और बड़ी विशेषता यह है कि वे भ्रष्टाचार और लापरवाही को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करते। सूत्रों के अनुसार, कई मौकों पर उन्होंने उन कर्मचारियों और जिम्मेदारों को भी फटकार लगाई है जो अपने पद का दुरुपयोग कर जनता को परेशान करते हैं।
उनकी स्पष्ट सोच है कि अधिकारी जनता की सेवा के लिए हैं, न कि जनता का शोषण करने के लिए। यही कारण है कि आमजन उन्हें भरोसे का प्रतीक मानते हैं।
जनता से सीधा जुड़ाव
तिवारी का सबसे मजबूत पहलू है जनता से उनका सीधा जुड़ाव। शिकायत मिलते ही वह स्वयं मौके पर पहुँचते हैं और समाधान निकालने की कोशिश करते हैं। उनके इस व्यवहार से लोगों को यह भरोसा मिलता है कि पुलिस केवल सख्ती करने वाली संस्था नहीं, बल्कि उनकी सुरक्षा और सेवा के लिए हमेशा खड़ी है।
ग्रामीणों की जुबानी
ग्रामीणों का कहना है कि तिवारी जैसे अधिकारी दुर्लभ हैं। एक महिला ने कहा, “गाँव में शराब के कारण घर-घर में विवाद हो रहे थे, लेकिन तिवारी जी के प्रयास से अब पुलिस की सख्ती दिख रही है और माहौल बदलने लगा है।” युवाओं ने भी माना कि उनके अभियान से अब समाज में सकारात्मक ऊर्जा का माहौल बन रहा है।
निष्कर्ष
थाना प्रभारी धर्म नारायण तिवारी का नाम आज ईमानदारी, निडरता और जनता की सेवा से जुड़ा है। शराब और नशा मुक्ति के लिए उनके प्रयास, भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी सख्त कार्यवाही और जनता के साथ उनका गहरा जुड़ाव उन्हें “तेज तारा” की तरह चमकाता है।
उनकी कार्यशैली यह साबित करती है कि अगर अधिकारी नीयत साफ रखे और जनहित को सर्वोच्च माने तो कोई भी बुराई ज्यादा दिनों तक समाज में टिक नहीं सकती