
कोरबा, 13 सितम्बर 2025।
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग कोरबा में आज नेशनल लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। आयोग की अध्यक्षा श्रीमती रंजना दत्ता एवं सदस्य श्री पंकज कुमार देवड़ा की उपस्थिति में विभिन्न प्रकरणों की सुनवाई की गई। इस अवसर पर कुल 12 मूल प्रकरण और 01 निष्पादन प्रकरण आपसी राजीनामा के लिए प्रस्तुत किए गए, जिनमें बैंक, बीमा कंपनियां, हाउसिंग बोर्ड तथा निर्माता कंपनियों से संबंधित विवाद सम्मिलित थे।
विशेष रूप से उल्लेखनीय पहल यह रही कि अदालत की कार्यवाही में ई-हियरिंग का भी समावेश किया गया। तकनीकी माध्यम से अन्य राज्यों से जुड़े पक्षकारों ने ऑनलाइन भाग लेकर आपसी सहमति से राजीनामा किया। इस प्रक्रिया ने लंबित मामलों के निराकरण को और अधिक सहज एवं त्वरित बनाया।
आयोग द्वारा 6 मूल प्रकरणों एवं 01 निष्पादन प्रकरण का निराकरण आपसी सहमति से राजीनामा कर किया गया। इन मामलों में कुल 17 लाख 17 हजार 330 रुपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया। तीन साल से लंबित एक मामले का भी निपटारा आपसी सहमति से हुआ, जिससे पीड़ित पक्ष को शीघ्र राहत प्राप्त हुई।
लोक अदालत की कार्यवाही में मध्यस्थ सेल के सदस्य श्रीराम श्रीवास एवं महेंद्र राजवाड़े ने सक्रिय भूमिका निभाई। जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष गणेश कुलदीप, वरिष्ठ अधिवक्ता मानसिंह यादव, पी.एन.एस. यादव, आर.एन. राठौर, संतु प्रसाद साहू, आर.सी. राजवाड़े, राजकुमार अज्ञेय, एन.के. राजवाड़े, ब्रजेश यादव, अशोक पाल, कमलेश श्रीवास, विजय साहू, डी.आर. सारथी, संगीता चौहान, कृष्णा सूर्यवंशी, हरीश साहू, मंजू नागवंशी सहित अनेक अधिवक्तागण इस दौरान मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त बीमा एवं फाइनेंस कंपनियों के अधिकारी, आयोग के कर्मचारी — नाजिर रामायण पटेल, डाटा एंट्री ऑपरेटर मनीराम श्रीवास, संजय शर्मा, आरती श्रीवास और नूतन राजपूत भी उपस्थित रहे।
विधि छात्रों ने देखी कार्यवाही, मिली व्यवहारिक जानकारी
नेशनल लोक अदालत के इस आयोजन में ज्योति भूषण प्रताप सिंह विधि महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी भागीदारी की। उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से लोक अदालत की कार्यवाही का अवलोकन किया। आयोग की अध्यक्षा श्रीमती रंजना दत्ता, सदस्य श्री पंकज कुमार देवड़ा, अधिवक्ता कमलेश श्रीवास एवं संगीता चौहान ने विद्यार्थियों को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, ई-फाइलिंग एवं ई-हियरिंग की संपूर्ण प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी।
छात्रों ने उपभोक्ता संरक्षण के क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने हेतु कार्य करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर उन्हें न्यायिक प्रक्रिया की गहन समझ के साथ-साथ तकनीकी माध्यम से न्याय प्राप्ति की नवीन प्रणाली से भी अवगत कराया गया।
निष्कर्ष
कोरबा जिला उपभोक्ता आयोग में आयोजित नेशनल लोक अदालत ने यह सिद्ध किया कि न्यायालयीन प्रणाली में तकनीकी सहयोग से पारदर्शिता और त्वरित न्याय की संभावनाएं बढ़ाई जा सकती हैं। ई-हियरिंग जैसी सुविधा से न केवल स्थानीय बल्कि दूरस्थ राज्यों के पक्षकार भी आसानी से जुड़ पा रहे हैं। इस पहल से उपभोक्ताओं को राहत और न्याय की प्रक्रिया में तेजी आई है।