
कोरबा -: एक तरफ जहां शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को पूर्ण सुबिधा देने के लिये निरंतर प्रयासरत है और कई तरह की योजनायें चलाकर पंचायतों को मूलभूत सुबिधायें देने के लिये अग्रसर है जिसमें मुख्य रूप से बिजली सड़क और पानी जैसी कई सुबिधाओं के लिये शासन पंचायतों पर लाखों रुपये खर्च करती है जिससे ग्राम पंचायत के लोगों को किसी प्रकार की कभी परेशानी ना हो। लेकिन वहीं शासन के कुछ नुमाइंदों द्वारा इन सब योजनाओं को ताक पर रखा जा रहा है जिससे लोगों को शासन के द्वारा दी गई योजनाओं का लोगों को पूर्ण रूप से लाभ नहीं मिल पाता है।
अगर जब किसी भी सरपंच से इस समस्याओं को लेकर बात करना चाहो तो सरपंच बात करने की वजह अपना मोबाइल फोन नही उठाते या कट कर लेते हैं।
कोरबा जिला के जनपद पंचायत पोंडी उपरोड़ा से लगा हुआ ग्राम पंचायत कोनकोना में विकास केवल कागजों तक सीमित नजर आ रहा है। जमीनी हकीकत बेहद चिंताजनक है हर तरफ कीचड़ से सनी सड़कें,पंचायत मूलभूत सुविधाओ से वंचित है आलम यह है इन दिनों कोनकोना ग्रामवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बरसात में कीचड़ और पानी से ग्राम पंचायत कोनकोना के आश्रित ग्राम धनुवार पारा के रहने वाले लोग खासे परेशान हैं। लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद गांव की विकास की स्थिति बेहद खराब है। ऐसा लगता है कि सिर्फ कागजों पर काम दिखाया गया है, जमीन पर कुछ नहीं हुआ। ग्रामीणों ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी आकर गांव की हालत देखें और सच्चाई सामने लाएं गांव के मुख्य रास्ते पर जलभराव और कीचड़ से ग्रामीण त्रस्त हैं। समस्या से आजिज ग्रामीणों ने शासन प्रशासन के प्रति नाराजगी व्यक्त की है। इस मोहल्ले वाले रास्ते पर बहोत दिनों से जलभराव और कीचड़ की स्थिति है।
आलम ये है कि सैकड़ों ग्रामीणों को आवागमन में तमाम असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी का सामना स्कूल में आने जाने वाले बच्चों को करना पड़ रहा है। समस्या को ग्रामीणों द्वारा जन प्रतिनिधियों को भी अवगत कराया जा रहा है। और आपको बता दे की सरपंच को भली भाती जानकारी है फिर भी समस्या जस की तस बनी हुई है। ग्राम पंचायत कोनकोना की आदिवासी ग्रामीण रास्ते पर व्याप्त गंदगी से ग्रामीण नरकीय जीवन व्यतीत कर रहे हैं। समस्या से त्रस्त ग्रामीणों ने रोष प्रकट किया। इस संबंध में कोनकोना के ग्रामीणों ने अनेक बार जिम्मेदार लोगों का ध्यान आकर्षित किया है परंतु किसी के भी द्वारा इस समस्या के निराकरण के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।बारिश का पानी जमा होने से छात्राएं एवं खासकर छोटे बच्चे पानी में गिरते पढ़ते रहते हैं उनके पैर में संक्रमण की संभावना बढ़ सकता है साथ ही गंभीर बीमारी से भी जूझना पड़ सकता है
भले ही क्यों न ग्राम पंचायत कोनकोना सरपंच इस बात का दावा करे कि ग्राम पंचायत में लाखों का विकास हुआ है। लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। क्या लाखों का काम सिर्फ कागजों में हुआ है सूत्रों के अनुसार ग्राम पंचायत कोनकोना उचित मूल्य दुकानों में मिलने वाली राशन हितग्राहियों को मिलने वाली शक्कर को सोसाइटी संचालकों ने बाट की जगह चना के पैकेट में शक्कर को नापतौल कर दिया जाता है जिससे जनता परेशान है।