
कोरबा/छत्तीसगढ़ :- खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम 2012 एवं छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016 के अंतर्गत ग्राम जवाली जिला कोरबा छत्तीसगढ़ में सन 1980 से निर्मित शासकीय गोदाम भवन में जहां बारिश की दिनों में अधिकतर कमरों में पानी रिसते रहता है वहां पर शासकीय उचित मूल्य की दुकान का संचालन ग्राम के चांदनी स्व सहायता समूह के महिलाओं द्वारा किया जाता है दुकान क्रमांक 5520003023 के अंतर्गत ग्राम जवाली के कुल 1075 परिवार को शासन द्वारा बनाए गए राशन कार्ड से चावल मिट्टी तेल ,चना, शक्कर, नमक आदि सामाने अल्प शुल्क में शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं के अंतर्गत प्रदान किया जाता है ।जो वर्षा के दिनों में प्रभावित और कई प्रकार की परेशानियों का सामना आम ग्रामीण जनों को करना पड़ रहा है । उक्त प्रभावित जर्जर शासकीय गोदाम की जानकारी मौखिक रूप से पंचायत के सरपंच सहित अन्य प्रमुख जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाई गई है किंतु सार्थक परिणाम नहीं आया है चूंकि इस चांदनी स्व सहायता समूह के द्वारा मरम्मत कार्य स्वयं करवा दिया जाता किंतु नुकसान भरपाई के कारण वह भी नहीं हो पा रहा है बल्कि इसमें कार्य करने वाले पांच महिलाओं ने कार्य आर्थिक नुकसान की वजह से छोड़ दिया है ।
आज की आधुनिक युग में प्रत्येक कार्य डिजिटलीकरण के अनुरूप हो रहा है पूर्व सरपंच द्वारा ग्राम विकास के इन प्रकार के सार्वजनिक कार्यों को प्राथमिकता नहीं दिया गया उसकी वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा सरपंच दिलेश कुमार कंवर को लगता है कि उनके कार्यकाल में सभी समस्याओं का उजागर किया जा रहा है किंतु आम ग्रामीण जनों को विश्वास है कि यह सभी प्रभावित कार्य समय अनुसार पूरे कर लिए जाएंगे क्योंकि अगर कोई भी जनप्रतिनिधि सार्वजनिक विकास कार्य को प्राथमिकता अनुसार करवाता है तो उसका यस अपयश दोनों ही बढ़ता है साथ में आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है । आज दुनिया के सामने जो बहुत सी समस्याएं हैं छोटे पैमाने पर हमारे गांव जवाली में भी हुआ करती है उत्पादन बढ़ाना, शिक्षा की योजना ,आरोग्य का प्रबंध, पड़ोसी गांव के संबंध, शांति की रक्षा, अवैध रूप से नशा सामग्री खुले में बिकना यह सब काम गांव में भी उपस्थित है इसलिए एक और समस्या निदान के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी संस्था आवश्यक है दूसरी ओर ग्राम स्वराज संस्था आवश्यक है ग्राम स्वराज विश्व समस्या को हल करने का ही एक प्रयोग है अब देखना यह है की इस समस्या का निदान ग्राम पंचायत के द्वारा या शासकीय विभाग के हस्तक्षेप के द्वारा किया जावेगा ।