
कोरबा :- रेलवे प्रबंधन द्वारा दीपका – पेंड्रा गौंरेल्ला मार्ग हेतु रेल मार्ग पटरिया लगाने का कार्य विगत वर्षों से किया जा रहा है जिसके अंतर्गत इस क्षेत्र के प्रभावित कृषकों को शासकीय नियमानुसार उनके जमीन की एवज में मौंजा राशि प्रदान किया गया और जहां-जहां आवागमन का दबाव ज्यादा है उस जगह सुविधानुसार ओवरब्रिज भी बनाया गया किंतु बनाते समय पानी निकासी की उचित व्यवस्था नहीं कर पाने की दूरगामी सोच को पूरा नहीं कर पाने के कारण उनके लिए यह कार्य गले में फांस की तरह बन गया है विकासखंड कटघोरा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मुढ़ाली कोलिहामुड़ा – जवाली के मध्य ओवर ब्रिज का निर्माण रेलवे प्रबंधन द्वारा किया गया है जहां पर 6 जुलाई से अधिक बारिश की वजह से पूरा मिट्टी पानी के साथ ओवर ब्रिज के नीचे जमा हो गया है!
जिससे कीचड़ युक्त पानी घुटने तक भर गया है प्रभावित पांच पंचायत के लोग लगभग 10 ग्राम के लोगों में विद्यार्थी, महिलाएं, किसान ,कर्मचारीगण, दुकानदार, बाजार वाले,फेरी वाले अपनी गाड़ियों में व ट्रैक्टर पिकअप बोलेरो बुकिंग गाड़ी वाले जिसमें मुढ़ाली,कोलिहामुंड़ा, जवाली फुलझर ,देवगांव, झाबर, दिपका, नेहरू नगर, डोंगरी, तिलवारी, बसंतपुर आदि गांव के सैकड़ो लोग प्रमुख है जो प्रतिदिन इस क्षेत्र से आवागमन करते हैं जिन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वर्तमान में चरवाहे अपने जानवरों के साथ रेलवे पटरी के ऊपर से इस पार से उस पार हो जाते हैं किंतु मोटरसाइकिल वाले कीचड़ पानी में पेल ढकेल के काम चला रहे हैं जिसमें शिक्षक साथी भी है बड़ी गाड़ियों में ट्रैक्टर पिकअप फंसने के डर से घूम घूम करके 10 – 15 किलोमीटर का लंबा फेरा लगा रहे हैं इस गंभीर विषय की जानकारी सरपंच सहित ग्राम के प्रमुख लोगों द्वारा इस प्रभावित क्षेत्र रेलवे प्रबंधन में कार्य करने वाले मुंशी ठेकेदार गिरिजा 91091 64937 एवं इंजीनियर संजय सिंह 91091 65409 से बात करने पर बड़े साहब आकर उचित कार्यवाही करेंगे तभी कार्य होगा करके अपनी बातों को टाल गए और विशेष ध्यान नहीं दिया।
जवाली मंडल भाजपा के मंत्री कार्यकर्ता स्थानीय निवासी ईश्वर प्रसाद बघेल जी द्वारा उक्त समस्या के निराकरण हेतु पहल करने के लिए कटघोरा विधानसभा के विधायक को इस विषय की जानकारी पहुंचाई गई जिसके अनुरूप विगत दिनों विधायक प्रेमचंद पटेल पूरे दल बदल के साथ इस प्रभावित क्षेत्र के आसपास के तीन पंचायत के सरपंचों सहित पहुंचकर निरीक्षण किया जिसके अनुसार पहले रेलवे प्रबंधन ग्रामीणों के इस गंभीर विषय का उचित निदान करें उसके पश्चात अपना कार्य आगे बढ़ाए तब तक उनके रेलवे अपना कार्य बंद रखे जब तक उचित निदान ना हो परिणाम स्वरूप रेलवे प्रबंधन द्वारा इस विषय का उचित निराकरण नहीं कर पाने की स्थिति में आज दिन शनिवार से ही औपचारिक रूप से कार्य को शुरू किए हैं शायद रेलवे प्रबंधन के प्रमुख लोग सोचते हैं कि इस क्षेत्र के निवासी जानकारी के अभाव में कमजोर होंगे तो पता नहीं अतः इसका निदान किस प्रकार से होता है और लोगों की आवाजाही इस क्षेत्र में पहले के तरह सुचारू रूप से हो सके ।