
कोरबा छत्तीसगढ़ | दिनांक: 22 जुलाई 2025
जिला कोरबा के पाली तहसील अंतर्गत ग्राम डाहीडुग्गू के निवासी एक आदिवासी वृद्ध पवन साय ने वन विभाग के कर्मचारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पवन साय (उम्र लगभग 65 वर्ष) पिता स्वर्गीय मंगल साय जाति उरांव (अनुसूचित जनजाति) निवासी ग्राम डाहीडुग्गू को जनवरी 2025 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ₹50,000/- की पहली किस्त स्वीकृत हुई थी। पवन साय द्वारा बताया गया कि उन्होंने मकान निर्माण के लिए निर्माण सामग्री चैतमा से मंगवाया लेकिन उसी दौरान वन रक्षक बलवंत सिंह ने चुहरा नदी के पास ट्रैक्टर को रोककर गाली-गलौच करते हुए ₹80,000/- की रिश्वत की मांग की।
आरोप है कि डर और दबाव के कारण पवन साय ने ₹25,000/- फोन पे और ₹30,000/- नगद, कुल ₹55,000/- बलवंत सिंह को दिए। बावजूद इसके वन रक्षक द्वारा उनका उत्पीड़न जारी रहा। पवन साय के अनुसार बलवंत सिंह ने उनकी कृषि भूमि में जबरन सागौन के पौधे लगा दिए और खेती से उन्हें रोक दिया।
सबसे गंभीर बात यह है कि वृद्ध आदिवासी को कथित रूप से टांगी लेकर मारने की धमकी दी गई और उनकी मां-बहन को गाली देकर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई।
पीड़ित ने बताया कि वह विगत 40 वर्षों से उक्त स्थान पर रहकर कच्चे मकान में जीवन यापन कर रहा है। वर्तमान में वह वन रक्षक की धमकियों से भयभीत है और अपने आवास से बेदखल किए जाने की आशंका से मानसिक रूप से परेशान है।
पीड़ित पवन साय ने दिनांक 21 जुलाई 2025 को जनदर्शन कार्यक्रम में आवेदन देकर कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है तथा आरोपी वन रक्षक बलवंत सिंह के विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्रवाई की मांग की है।
प्रार्थी की प्रमुख मांगे –
प्रधानमंत्री आवास योजना की हड़पी गई राशि की वापसी
आरोपी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई
पीड़ित को सुरक्षा प्रदान करना
अवैध वृक्षारोपण को हटाना
> यह मामला न केवल एक गरीब आदिवासी की व्यक्तिगत पीड़ा है बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि क्या सरकारी योजनाओं का लाभ सचमुच ज़रूरतमंदों तक पहुंच रहा है या बीच में ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है