
गेवरा (कोरबा)। आज 10 जुलाई 2025, गुरुवार को कबीर धर्म नगर, गेवरा में गुरु पूर्णिमा पर्व का पावन उत्सव अत्यंत श्रद्धा और आध्यात्मिक उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सतगुरु कबीर माणिकदास बंशावली कबीर पंथ समाज द्वारा आयोजित इस भव्य समारोह में समाज में अध्यात्म, संयम और गुरु भक्ति की अमित छाप छोड़ी जा रही है।
पुनर्जन्म धार्मिक उत्सवों का क्रम
दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक आध्यात्म द्वारा सात्विक यज्ञ चौका आरती की जाएगी, जिसमें सैकड़ों सैकड़ों यज्ञों में भाग लेकर पर्यावरण को वैदिक ऊर्जा से सराबोर किया जाएगा। इस पवित्र यज्ञ का उद्देश्य समाज में सद्भाव, शांति और गुरु भक्ति की भावना को जागृत करना है।
इसके बाद शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक रात्रि कालीन संगीतमय भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें कबीर पंथ के लोकगायक एवं मंडलीय भजनियां, कबीर वाणी और गुरु महिमा का गायन ढोल शामिल हैं। संगीत और भक्ति का यह संगम यंत्र को आत्मिक शांति और आनंद से भर देगा।
गुरु परम्परा का स्मरण, जीवन मुद्रा पर बल
कार्यक्रम के माध्यम से साहेब बंदगी साहेब ने शिष्या को गुरु परंपरा के महत्व से अवगत कराते हुए कहा –
“सतगुरु कबीर साहेब के सत्य वचनों को जीवन में उतारना ही सात्विक कबीर पंथ का प्रतीक है। आचार संहिता और गुरु की शिक्षाएं ही जीवन को सफल बनाती हैं।”
उन्होंने समाज के सभी समर्थकों से आग्रह किया है कि वे इस महोत्सव में तन, मन और धन से मानव धर्म और आध्यात्मिक जीवन की दिशा में मजबूत कदमों का समर्थन करें।
आयोजन स्थल श्रद्धा का केंद्र बना
कबीर धर्म नगर, गेवरा में सुबह से ही भक्तों की भीड़ स्थापित है। पर्यावरण ‘सतनाम’ और ‘गुरु कबीर साहेब की जय’ के जयघोष से गूंज रहा है। अल्प दूर-दूर से इस आयोजन में भाग लेने वाले देश हैं, जो गुरु पूर्णिमा की आध्यात्मिक गरिमा को और भी बढ़ाते हैं।
इवेंट के सूत्रधार
इस आयोजन के प्रमुख आयोजक हैं –
सतगुरु कबीर मानिकदास बंशावली कबीर पंथ समाज, कबीर धर्म नगर गेवरा (छ.ग.)
मुख्य संयोजक: वियोगी भगवान साहेब….!
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विशेष फोर्थ-
समाज के प्रत्येक आस्था से जुड़े हुए हैं कि वे इस आध्यात्मिकता में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हैं गुरु परंपरा के इस पवित्र उत्सव को सफल बनाएं और अपने जीवन को सत्पथ की ओर बढ़ाएं।