
कोरबा से अशोक दीवान की खास रिपोर्ट
कोरबा जिले के कटघोरा में निजी अस्पतालों की मनमानी चरम सीमा पर पहुंच गई है। ताजा मामला कटघोरा श्री गोपाल मल्टीस्पेशलिस्ट अस्पताल का है, जहां एक मरीज मंगल सिंह का तबीयत खराब होने के उपरांत इलाज के लिए उसका बेटा कन्हैया लाल धनुहार शासकीय हॉस्पिटल कटघोरा गया जहां एडमिट होने पर उपचार की व्यवस्था नहीं होने के कारण एक दिन अंदर ही तत्काल कोरबा रिफर की तैयारी सुरु कर दी और रिफर की फाइल मिलने के बाद मंगल सिंह के पुत्र कन्हैया लाल अपने पिता का उपचार के लिए कोरबा जाने की तैयारी कर ही ली थी कि श्री गोपाल मल्टीस्पेशलिस्ट हॉस्पिटल से मिलने वाली मोटी रकम से बंधे हुए दलालों की गिरफ्त में आकर कन्हैयालाल अपने पिता को श्री गोपाल मल्टीस्पेशलिस्ट हॉस्पिटल ले आया दरसल कन्हैयालाल के पिता को पेशाब नली में खुन आने के साथ भारी जलन और पीड़ा की बीमारी थी!और श्री गोपाल मल्टीस्पेशलिस्ट हॉस्पिटल लाने के उपरान्त उन्हें डॉक्टर गोपाल गोस्वामी के द्वारा बताया गया कि आपके पिता जी का आयुष्मान कार्ड से ईलाज हो जाएगा!और बातचीत और एडमिट करने के कुछ दिनों बाद ही डॉक्टर गोपाल गोस्वामी ने कहा कि आपके पिता जी का तबीयत बहुत ज्यादा सीरियस है और उनका ऑपरेशन करना पड़ेगा जिसके लिए आपको 25.000 से 30.000रू.लगेगा!और उन्हें मोबाइल के माध्यम से ऑपरेशन का डेमो दिखाकर बताया कि इस प्रकार से ऑपरेशन किया जाएगा I और डॉक्टर गोपाल गोस्वामी के द्वारा यह भी कहा गया कि तुम्हारे पिता जी तुम्हारे काम के चीज़ है कि नहीं तब कन्हैयालाल ने डॉक्टर को जवाब देते हुए कहा कि मेरे पिता मेरे लिए भगवान हैं और उनके इलाज के लिये मेरी किडनी भी बेचना पड़ा तो भी बेचकर, या डोनेट कर इलाज करवाऊंगा I तब जाकर कन्हैयालाल अपने पिता को डिस्चार्ज करवा कर अपने बहनोई के घर रामपुर ले गया और पैसे के लिए निकल पड़ा !
कन्हैयालाल ने बताया कि घर की गुजारे के लिए जो छोटा सा खेत, बाड़ी था उसे गहना रख कर और अपने रिश्तेदारों से उधारी मांग कर उपचार के लिए रू.60000 इकठ्ठा किया I फिर कन्हैयालाल अपने पिता को फिर से श्री गोपाल मल्टीस्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया और ऑपरेशन की तैयारी सुरु भी हो गई I दो चार दिन बाद डिस्चार्ज भी कर दिया गया I और डॉक्टर का ये भी कहना था कि तुम लोग अभी सोनोग्राफी मत करवाना क्योंकि तुम लोगों को सोनोग्राफी में अभी कुछ भी नहीं दिखाएगा I और एक माह बीत जाने के उपरांत मरीज़ को फिर से वहीं तकलीफ होने लगा तब जाकर उन्होंने बिलासपुर रोड में स्थित रेशमी सोनोग्राफी सेंटर जाकर सोनोग्राफी करवाया तब डॉक्टर ने उन्हें बहुत चिल्लाया की तुम लोग देख लो कि पहले की रिपोर्ट और अभी की रिपोर्ट में क्या अन्तर है और इसमे कोई भी अन्तर नहीं है तुम लोग जंहा भी इलाज कराया है वंहा कोई भी ईलाज नहीं हुआ है I
तब जाकर कन्हैयालाल अपने पिता जी को उचित ईलाज के लिए जिला अस्पताल कोरबा में एडमिट करवाया और एडमिट होने के एक दिन बाद रायपुर रिफर कर दिया तब कन्हैयालाल ने कोरबा कलेक्टर को मामले के बारे में ज्ञापन सौंपा और अपने पिता जी के उचित ईलाज के लिए भी कोरबा कलेक्टर से अपील किया I तब कोरबा कलेक्टर का कहना था कि अगर आपका जिला अस्पताल से रिफर रायपुर कर रहें हैं तो वहां जाकर आप ईलाज करा लीजिए! अब भी कन्हैयालाल के पिता के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं आया है वो अब भी दर्द से एवं पीड़ा से जुझ रहे हैं I
इस तरह के वसूली करने वालों निजी हॉस्पिटल के ऊपर उचित जांच कर संवैधानिक कार्यवाही करें
निजी क्लीनिकों एवं हॉस्पिटल की जांच ग्रामीणों ने मांग की
बता दें कि जिले में निजी अस्पतालों के मरीजों से अवैध वसूली और ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई न होने के कारण निजी अस्पतालों के हौसले बुलंद हैं। पीड़ित परिवार ने कोरबा कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग में शिकायत दर्ज कराई है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से जिले के सभी निजी क्लीनिकों की जांच करने और अवैध रूप से संचालित अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
कटघोरा बी.एम.ओ. रंजना तिर्की क्या कहती हैं इस मामले के बारे में
कटघोरा बी एम ओ रंजना तिर्की से मोबाइल में मो.नंबर 9644574223 में कॉल के माध्यम से जानकारी लिया गया तब उनका कहना है कि अभी मामले की जांच चल रही है और मैं आपको इस मामले की बारे में कुछ भी जानकारी नहीं दे पाऊँगी ! जो भी जानकारी देनी होगी मैं उच्चाधिकारियों को दे दूंगी I
अब देखना यह होगा कि समाचार प्रसारित होने के बाद शाशन, प्रशाशन क्या हरकत में आती है या ऐसे निजी हॉस्पिटल वालों को और बढ़ावा मिलता है I
और एसी ही अन्य मामले की बारे में विस्तार से समाचार के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा